दो बिजनेसमेन का एक-दूसरे की बीवी से अफेयर,राज खुला खुला तो इंतकाम तक पहुंच गई पुराने रिश्तों की कहानी

युवती को गोली मारने वाला निकला उसका भाई. पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया

नई दिल्ली: 22 सितंबर 2024 की सुबह लगभग 6 बजे पुलिस को कर्नाटक के कारवार इलाके में एक घर पर हमले की खबर मिलती है। हमला तलवार और चाकू जैसे धारदार हथियारों के साथ किया गया था। हमले में विनायक नाइक नाम के बिजनेसमैन की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, उनकी पत्नी वैशाली को गंभीर हालत में हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। विनायक महाराष्ट्र के पुणे में बिजली के उपकरणों का बिजनेस करते थे और परिवार के कुछ कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए कर्नाटक में अपने पैतृक गांव आए हुए थे।

एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर और इंतकाम

हालांकि, पुलिस ने जब सुराग तलाशने शुरू किए और केस की तह तक गई, तो कहानी कुछ और ही निकली। ये मामला एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर और उसके बाद पैदा हुई दुश्मनी का था। विनायक के कत्ल के लिए पूरी प्लानिंग के साथ एक पुरानी कार खरीदी गई थी। सुपारी देकर कॉन्ट्रैक्ट किलर बुलाए गए थे। और, कत्ल के लिए पहले से एक दिन चुना गया था। कत्ल की इस वारदात के पीछे हाथ था गुरुप्रसाद राणे का। गोवा में शराब का कारोबार करने वाले गुरुप्रसाद राणे और विनायक नाइक दूर के रिश्तेदार थे। कभी दोनों के बीच रिश्ते भी काफी अच्छे थे। राणे और नाइक एक ही मोहल्ले में पले-बढ़े थे। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इसी बीच राणे के अवैध संबंध नाइक की पत्नी के साथ और नाइक के अवैध संबंध राणे की पत्नी के साथ बन गए।

कार खरीदी, हायर किए कॉन्ट्रैक्ट किलर

इन अवैध संबंधों का पता जब दोनों के परिवारों को चला तो इनके बीच दुश्मनी पैदा हो गई। राणे और नाइक के परिवारों के बीच अक्सर इस बात को लेकर झगड़े भी होने लगे। करीब 6 महीने पहले दोनों परिवारों के बीच झगड़ा हुआ और इतना बढ़ गया कि राणे ने नाइक की हत्या कराने का फैसला कर लिया। इस काम के लिए उसने एक पुरानी स्विफ्ट कार खरीदी और कुछ कॉन्ट्रैक्ट किलर को काम पर रखा। हालांकि, राणे ने कॉन्ट्रैक्ट किलर्स को रोककर रखा और कहा कि जब तक वो इशारा ना करे, तब तक कुछ नहीं करना है। इसी दौरान 3 सितंबर को अपनी मां की बरसी और गांव के एक मेले में भाग लेने के लिए नाइक पत्नी के साथ कर्नाटक के कारवार में अपने गांव आ गया। पूजा और मेले में हिस्सा लेकर 22 सितंबर को पति-पत्नी वापस पुणे लौटने वाले थे।

22 सिंतबर की वो खौफनाक सुबह

हालांकि, इसी दौरान 19 सितंबर को राणे की पत्नी गांव पहुंची और नाइक के परिवार से झगड़ा कर दिया। नाइक ने तुरंत राणे को फोन मिलाया और गालियां देते हुए कहा कि अपनी पत्नी को वापस बुला लो। साथ ही नाइक ने राणे को उसके परिवार से दूर रहने की हिदायत भी दी। अब राणे को भी गुस्सा आ गया और उसने अपने कॉन्ट्रैक्ट किलर्स का नाइक का काम तमाम करने का इशारा कर दिया। तीन दिन बाद ये कॉन्ट्रैक्ट किलर 22 सितंबर को सुबह-सुबह नाइक के घर पहुंचे और हथियारों से पति-पत्नी के ऊपर हमला कर दिया। हमले में नाइक की जान चली गई, जबकि उनकी पत्नी वैशाली गंभीर तौर पर घायल हो गईं। पुलिस के मुताबिक, जब उन्होंने इस केस की तफ्तीश शुरू की, तो नाइक के परिवार ने अवैध संबंधों की बात को छिपा लिया। इससे केस उलझ गया।

कातिलों तक कैसे पहुंची पुलिस

तफ्तीश के दौरान पुलिस ने उस कार को ट्रैक करना शुरू किया, जिसका इस्तेमाल हत्यारों ने किया था। तहकीकात में पता चला कि इस कार को प्रवीण सुधीर नाम के आदमी ने खरीदा था। बाद में उसने इसे अशोक राणे नाम के शख्स को बेच दिया और उससे ये कार गुरुप्रसाद राणे ने खरीद ली। इसके बाद कड़ियों को जोड़ते हुए पुलिस ने तीनों हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया। वहीं, इनकी गिरफ्तारी की खबर फैलते ही गुरुप्रसाद राणे ने गोवा में अपनी जान ले खुद ले ली।

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