सूबेदार के पद पर तैनात सेना में एक जूनियर कमीशन अधिकारी को कैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट (CSD कैंटीन) में नौकरी के बहाने महिला का यौन शोषण करने का दोषी पाया गया है। सूबेदार इंजीनियर ब्रिगेड के अधीन काम करता था। फिलहाल उसकी ड्यूटी कैंटीन पर थी। मामला अंबाला कैंट का है। सेना के एक जनरल कोर्ट मार्शल (जीसीएम) में एक सूबेदार को कैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट (सीएसडी) आउटलेट में नौकरी देने के लिए एक महिला से यौन संबंध बनाने की मांग करने का दोषी पाया गया है।
जानकारी के मुताबिक 105 इंजीनियर रेजिमेंट के सूबेदार अनिल कुमार पांडे को पिछले हफ्ते हुए कोर्ट मार्शल में यौन उत्पीड़न के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 (2) के साथ सेना अधिनियम (नागरिक अपराध) की धारा 69 के तहत लगाए गए आरोप का दोषी पाया गया है। इस कोर्ट मार्शल को जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) 40 आर्टिलरी डिवीजन द्वारा किया गया था। इसकी अध्यक्षता मुख्यालय 37 इन्फैंट्री ब्रिगेड के कर्नल चरणप्रीत सिंह ने की थी
सूबेदार इंजीनियर ब्रिगेड में काम करता था। 29 सितंबर 2022 को उसने आर्मी कैंटीन में नौकरी देने के बहाने महिला से यौन संबंधों की मांग की। महिला सीएडी कैंटीन की पूर्व कर्मचारी थी। वह अपनी फिर से नियुक्ति चाहती थी। महिला ने पूरे मामले की शिकायत सेना के अधिकारियों से शिकायत की। इसके बाद कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के तहत जांच शुरू हुई। इसमें जेसीओ ने खुद पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया। महिला ने इस मामले में गई सबूत और गवाह भी पेश किए। मुकदमे में जेसीओ को आरोपों का दोषी पाया गया।
बचाव पक्ष के वकील ने दावा किया कि महिला सीएसडी में फिर से नियुक्ति के लिए बार-बार फोन कर रही थी और सूबेदार ने उसे केवल परेशान न करने के लिए डांटा था। सूबेदार की ओर से कहा गया कि महिला ने पैंसे ऐंठने के लिए उसके खिलाफ झूठे आरोप लगाए हैं। हालांकि इंक्वायरी बोर्ड ने माना कि सूबेदार ने यौन संबंधों की मांग की थी और बातचीत के दौरान अनुचित भाषा का इस्तेमाल किया था।