उत्तर प्रदेश सरकार ने 39 हजार सरकारी कर्मचारियों को लेकर बड़ा फैसला किया है. सरकार ने इन लोगों का वेतन रोकने का आदेश दिया है. क्योंकि, इन कर्मचारियों ने निर्धारित समय सीमा में अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं अपलोड किया है. सरकार ने 30 सितंबर तक अपनी चल और अचल संपत्ति का ब्यौरा उपलब्ध करवाने का आदेश दिया था, जिसका पालन 39,077 कर्मचारियों ने नहीं किया.
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संपत्ति का ब्यौरा जमा करने की अनिवार्यता
उत्तर प्रदेश सरकार का आदेश प्रदेश के 90 विभागों के सभी कर्मचारियों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा देने का आधेश दिया था. प्रदेश में कुल 8,27,583 कर्मचारी हैं, जिनमें से 7,88,506 कर्मचारियों ने समय-सीमा में अपनी संपत्ति की जानकारी दे दी. लेकिन 39 हजार कर्मचारियों ने सरकार के आदेश का उल्लंघन किया.
कौन-कौन से विभाग होंगे प्रभावित?
सरकार ने बताया कि जानकारी के अनुसार, पुलिस और कृषि विभाग के 99 प्रतिशत कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा दिया है. अन्य विभागों जैसे पशुधन, पंचायतीराज, आयुष और चिकित्सा शिक्षा के 95 प्रतिशत कर्मचारियों ने भी संपत्ति की जानकारी समय पर जमा कर दी . हालांकि, कुछ विभाग के कर्मचारियों से ऐसा नहीं किया, जिस वजह से उनकी सैलरी रोकी जा रही है. आदेश के तहत टेक्सटाइल, ऊर्जा, कृषि, सैनिक कल्याण, महिला कल्याण, उच्च शिक्षा, बेसिक शिक्षा, औद्योगिक विकास, राजस्व और चिकित्सा स्वास्थ्य के कर्मचारियों से संपत्ति का ब्यौरा मांगा था.